तुमसे मेरी हर अभिलाषा तुमसे मेरी हर अभिलाषा
उस मुबारक दिन रमज़ान महीने की ईद थी........................ उस मुबारक दिन रमज़ान महीने की ईद थी........................
कविता कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गई यार, भगवान आप सभी को दे अमन-चैन और प्यार। कविता कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गई यार, भगवान आप सभी को दे अमन-चैन और प्यार।
लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ने वालों को शीघ्र ही मंजिल मिलती है। लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ने वालों को शीघ्र ही मंजिल मिलती है।
मेरे खवाबों के इस खवाब को हक़ीक़त बना दे ऐ मौला। दो दिलों की इस अधूरी दास्तां को मेर मेरे खवाबों के इस खवाब को हक़ीक़त बना दे ऐ मौला। दो दिलों की इस अधूरी दास्त...
देशहित में कल ये कदम अवश्य उठाना है, घर में ही रहना है, कहीं बाहर नहीं जाना है । देशहित में कल ये कदम अवश्य उठाना है, घर में ही रहना है, कहीं बाहर नहीं जाना ह...