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तुम्हारे लिये सब्र मोहब्बत के लिये ...................... कविता ज्यादा हाथों में हाथ सुबह की सैर हंसते-गाते उद्धेश्य ही हमें बढ़ने के लिये जीवन में सफलता परिश्रम है मंत्र की हाथों लकीरों को को धोना है

Hindi हाथों में लिये पताका Poems